अपने आप को मर्यादित व भारतीय सभ्यता का प्रतीक मानने वाली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष को क्या हो गया है जो आये दिन वोछे बयान देने से बाज नही आ रहे हैं। भारतीय राजनीत में पहली बार इतनी पंगु मानसिकता का अध्यक्ष देखने को मिला हैं। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता भी मौन हैं। क्या राम दल गडकरी के आते रावण दल मे बदल गया या फिर इस दुर्योधन पर किसी का बस नही, जो भारतीय समाज की सदियों पुरानी परम्परा का चीर हरण करने जुटा हैं। दिग्विजय सिंह के वल्दियत पर सवाल उठाने वाले इस व्यक्ति के बारे में मेरी एक ही राय हैं, या तो यह पागल हैं,या भारतीय मूल का नही हैं। भारतीय जनता पार्टी को चाहिए की गडकरी का मानसिक परीक्षण कराये या डी.एन.ए.टेस्ट, सच्चाई सामाने आ जायेगी। राजनीत का यह गंदा खेल समाज को इतना दूषित कर देगा ,जिसको दूर करने में कई दसक लग जायेगे।
vikram
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